जबलपुर के सिमरिया गांव में शराब दुकान का विरोध:आबकारी विभाग की मनमानी के खिलाफ़ ग्रामीणों का हल्ला बोल...
जबलपुर।।शहरी क्षेत्र के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी शराब दुकान का विरोध शुरू हो गया है। बीते कई सालों से चरगवां में स्थापित शराब दुकान को अब 12 किलोमीटर दूर जबलपुर-सिवनी बॉर्डर पर शिफ्ट किया जा रहा है।इसी के चलते वहां रहने वाली ग्रामीण महिलाओं ने शराब दुकान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।महिलाओं की चिंता:शराब दुकान से बढ़ेगा अपराध
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि उनका गांव अभी शांतिपूर्ण वातावरण में है। यदि शराब दुकान खुली, तो सामाजिक माहौल खराब होगा और महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा पर भी विपरीत असर पड़ेगा। युवाओं में नशे की लत बढ़ेगी, जिससे उनके रोजगार और पारिवारिक जीवन पर भी बुरा असर पड़ेगा।
जनप्रतिनिधियों का समर्थन:आबकारी विभाग की मनमानी के खिलाफ़ लड़ेंगे
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि बॉर्डर पर शराब दुकान होने से अवैध शराब की सप्लाई बढ़ेगी। इससे ठेकेदारों को तो फायदा होगा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की लत तेजी से फैलेगी। जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि अगर शराब दुकान वहां स्थापित की जाती है, तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा, चाहे नतीजा कुछ भी हो।
आबकारी नीति का उल्लंघन:विभाग की मनमानी का आरोप
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि चरगवां से सिमरिया गांव में शराब दुकान को शिफ्ट करते समय वर्तमान आबकारी नीति का उल्लंघन किया गया है। मध्य प्रदेश की आबकारी नीति के अनुसार किसी शराब दुकान को दूसरी जगह ट्रांसफर करने के लिए एक निर्धारित परिक्षेत्र तय होता है, लेकिन सिमरिया गांव उस परिक्षेत्र से 12 किलोमीटर दूर है।
सहायक आबकारी आयुक्त की जांच:क्या होगा कार्रवाई...?
सहायक आबकारी आयुक्त संजीव सिंह ने कहा कि जांच करवाई जाएगी।यदि शराब नीति का कोई उल्लंघन पाया गया, तो उसे दुरुस्त किया जाएगा। उन्होंने स्थानीय सर्किल अधिकारी को मौके पर जाकर जांच रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन ग्रामीणों का सवाल है कि क्या आबकारी विभाग अपनी मनमानी के लिए जवाबदेह होगा?
ग्रामीणों का संकल्प:आबकारी विभाग के खिलाफ़ लड़ेंगे
ग्रामीणों ने संकल्प लिया है कि वे आबकारी विभाग के खिलाफ़ लड़ेंगे और अपनी मांगों को पूरा करवाएंगे। उन्होंने कहा कि वे अपनी जमीन पर शराब दुकान नहीं होने देंगे और इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।
आबकारी विभाग की मनमानी के खिलाफ़ ग्रामीणों का हल्ला बोल
अब देखना यह होगा कि आबकारी विभाग ग्रामीणों की मांगों को पूरा करता है या नहीं। लेकिन एक बात तय है कि ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर लड़ने के लिए तैयार हैं और वे आबकारी विभाग के खिलाफ़ अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
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