एमपी की सियासत में बवाल:तीन बड़े विधायक कटघरे में, कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया...
मानहानि केस ने खोला नया मोर्चा,16 जनवरी को होगी तीनों की पेशीजबलपुर।मध्यप्रदेश की राजनीति एक बार फिर विवादों में घिर गई है।एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट ने कांग्रेस के तीन हाई–प्रोफाइल विधायकों—उमंग सिंघार,अजय सिंह‘राहुल’, और लखन घनघोरिया—को नोटिस जारी कर दिया है।अदालत ने साफ कर दिया है कि 16 जनवरी को उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य है।
यह आदेश राज्य की सियासत में बड़ा संदेश माना जा रहा है—बिना प्रमाण आरोप लगाने की राजनीति अब महंगी पड़ सकती है।
फर्जी मार्कशीट का दावा उल्टा पड़ा?NHM अधिकारी ने पलट दिया पूरा खेल...
मामला तब शुरू हुआ जब इन विधायकों ने अगस्त में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर NHM के जिला प्रोग्राम मैनेजर विजय पांडे पर यह आरोप लगा दिया कि उन्होंने फर्जी मार्कशीट के जरिए पद हासिल किया है।इन आरोपों के बाद:
विधानसभा में भारी हंगामा हुआ
कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट किया
प्रशासनिक दबाव में विजय पांडे को पद से हटा दिया गया
लेकिन बाद की जांच ने कहानी पलट दी।
जांच रिपोर्ट ने किया चौंका देने वाला खुलासा
विभागीय जांच के दौरान माध्यमिक शिक्षा मंडल ने विजय पांडे की मार्कशीट को पूरी तरह वैध और सही बताया।
यही वह मोड़ था जहां मामला पलट गया और NHM अधिकारी ने तीनों नेताओं पर मानहानि का केस दायर कर दिया।
कोर्ट का कड़ा संदेश:राजनीति के नाम पर मनगढंत आरोप नहीं चलेंगे
अब कोर्ट ने तीनों विधायकों को स्पष्ट आदेश दिया है कि वे 16 जनवरी को हाज़िर होकर अपने आरोपों के सबूत प्रस्तुत करें।
राजनीतिक गलियारों में इसे कांग्रेस नेताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
पर्दे के पीछे उठ रहे सवाल
क्या बिना ठोस प्रमाण किसी अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाना राजनीतिक हथकंडा था?
क्या यह मामला कांग्रेस की छवि पर बड़ा असर डालेगा?
क्या कोर्ट की यह कार्रवाई आने वाले महीनों में सियासी समीकरण बदल देगी?
इन सवालों ने पूरे मध्यप्रदेश में नई बहस को हवा दी है।



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