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भोपाल।।अनाज बचाने की तैयारी:सरकारी खरीद वाले अनाज की डिस्पोजल पॉलिसी...

अनाज बचाने की तैयारी:सरकारी खरीद वाले अनाज की डिस्पोजल पॉलिसी...

भोपाल।।मध्यप्रदेश में वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन के गोदामों में सालों-साल पड़े अनाज के सड़ने पर लगातार विवाद होते रहे हैं।अब खाद्य विभाग अनाज डिस्पोजल पॉलिसी पर काम कर रहा है ताकि सरकारी खरीद वाले अनाज के सरकारी-अनुबंधित निजी गोदामों में स्टोरेज की डेडलाइन तय हो सके।


पॉलिसी के मुख्य बिंदु


-अधिकतम दो साल तक स्टोरेज:पॉलिसी ड्राफ्ट के मुताबिक,अधिकतम दो साल तक ही सरकारी अनाज स्टोर किया जा सकेगा।

-वर्तमान स्थिति:वर्तमान में,साल 2019-20 तक का अनाज वेयरहाउसिंग के गोदामों में रखा हुआ है।

-ड्राफ्ट तैयार:बीते साल अगस्त में खाद्य संचालनालय द्वारा अनाज की डिस्पोजल पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया था।


मध्यप्रदेश में अनाज स्टोरेज क्षमता


-336 लाख मीट्रिक टन क्षमता:मप्र में कुल 336 लाख मीट्रिक टन स्टोरेज क्षमता उपलब्ध है।

-अनाज का स्टॉक:वर्तमान खरीदी का 65 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं स्टॉक में है,वहीं 2020-21 में सरकारी खरीद का 2,120 मीट्रिक टन चावल खरीदा गया है।


विवाद और समाधान


-सड़ने पर विवाद:स्पष्ट नीति के अभाव में कई साल तक अनाज रखा रहता है,सड़ने पर कई तरह के विवाद होते हैं।

-डिस्पोजल पॉलिसी:खाद्य विभाग अनाज डिस्पोजल पॉलिसी पर काम कर रहा है ताकि सरकारी खरीद वाले अनाज के स्टोरेज की डेडलाइन तय हो सके।


भविष्य की कार्रवाई


-पॉलिसी का क्रियान्वयन:खाद्य विभाग जल्द ही अनाज डिस्पोजल पॉलिसी का क्रियान्वयन करेगा।

-अनाज का निपटान:पॉलिसी के तहत अनाज का निपटान किया जाएगा और सरकारी खरीद वाले अनाज के स्टोरेज की डेडलाइन तय की जाएगी।

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