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जबलपुर:रिटायर्ड लोकायुक्त डीएसपी नवीन अवस्थी के अनुभव:6 रोचक किस्से...

रिटायर्ड लोकायुक्त डीएसपी नवीन अवस्थी के अनुभव:6 रोचक किस्से...

जबलपुर:रिटायर्ड लोकायुक्त डीएसपी नवीन अवस्थी ने अपने करियर में 100 से ज्यादा भ्रष्टाचारियों को पकड़ने का अनुभव हासिल किया है।उन्होंने अपने अनुभवों से जुड़े 6 रोचक किस्से साझा किए हैं जो उनकी सेवा के दौरान हुए थे।


1.आईएएस दंपती का अकड़ भरा व्यवहार

नवीन अवस्थी ने बताया कि उन्होंने आईएएस दंपती अरविंद-टीनू जोशी के खिलाफ कार्रवाई की थी,वे दोनों ही अपने रौब और ठसक के लिए जाने जाते थे। कार्रवाई के दौरान भी उन्होंने अपना अकड़ भरा व्यवहार जारी रखा।हालांकि,उनके पिता एचएम जोशी,जो कभी प्रदेश के डीजीपी रह चुके थे,वे शांति से कार्रवाई का अवलोकन कर रहे थे।


2. तहसीलदार ने नोट जलाए और फ्लश कर दिए

एक अन्य मामले में,नवीन अवस्थी ने बताया कि उन्होंने एक तहसीलदार आरके सिकरवार के खिलाफ कार्रवाई की थी।तहसीलदार ने रिश्वत के नोट जलाने की कोशिश की और अधजले नोटों को फ्लश कर दिया।हालांकि,लोकायुक्त टीम ने सबूत इकट्ठे किए और मजबूत केस बनाया।


3. डीआईजी गांधी का संतरियों से दुर्व्यवहार

नवीन अवस्थी ने बताया कि उन्होंने जेल डीआईजी उमेश गांधी के खिलाफ कार्रवाई की थी,आरोप था कि वे संतरियों से दुर्व्यवहार करते थे।कार्रवाई के दौरान गांधी ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश की,लेकिन अंततःउन्हें अपने किए की सजा मिली।


4. रिश्वत के रुपए लेकर भाग निकला शातिर रेंजर

एक अन्य मामले में नवीन अवस्थी ने बताया कि उन्होंने एक शातिर रेंजर को पकड़ने की कोशिश की थी।हालांकि,रेंजर ने रिश्वत के रुपए लेकर भागने की कोशिश की और लोकायुक्त टीम को चकमा देने में सफल रहा,बाद में टीम ने सबूत जुटाए और आरोप सिद्ध करने में सफल रही।


5. टीम के सामने रुपए छुड़ाकर फरार हुआ दरोगा

नवीन अवस्थी ने बताया कि एक बार एक थानेदार ने ट्रैप के दौरान रिश्वत के रुपए लेकर भागने की कोशिश की। वह अपनी बाइक पर सवार होकर जंगल की ओर भाग निकला।लोकायुक्त टीम ने उसकी तलाश की और बाद में आरोप सिद्ध करने में सफल रही।


6. ट्रैप के बाद मैंने कहा-दूसरा काम दे दीजिए

नवीन अवस्थी ने बताया कि एक बार उन्होंने एक पितृभक्त पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की थी,पटवारी ने अपने दृष्टिबाधित पिता की सेवा की थी और उनकी देखभाल की थी।नवीन अवस्थी को यह बात छू गई और उन्होंने एसपी से कहा कि वे अब ऐसे ट्रैप पर नहीं जाना चाहते हैं।इसके बाद उन्होंने दिव्यांगों के लिए छोटे-छोटे काम शुरू कर दिए और उनकी मदद करने की कोशिश की।

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