राजस्व न्यायालयों में नए युग की शुरुआत:जिले में राजस्व न्यायालयों की संख्या 22 से बढ़ाकर 27 कर दी गई है...
जबलपुर,म.प्रजिले में राजस्व न्यायालयों की संख्या बढ़ा दी गई है, जिससे नामांतरण,बँटवारा और सीमांकन जैसे राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति लाने और समय सीमा के भीतर उनका निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस संबंध में एक नया आदेश जारी कर जिले में राजस्व न्यायालयों की संख्या 22 से बढ़ाकर 27 कर दी है।
नए आदेश के अनुसार...
नए आदेश में कलेक्टर ने राजस्व न्यायालय कार्य के लिये नियुक्त राजस्व अधिकारियों को प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक राजस्व न्यायालय का कार्य संपादित करने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने इन अधिकारियों को 22 जुलाई की सुबह अपने-अपने न्यायालयों में पक्षकारों एवं उनके अधिवक्ताओं को तथा क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर राजस्व न्यायालय के इस सेटअप की जानकारी देने,इसके काम काज से अवगत कराने और इस संबंध में उनसे सुझाव प्राप्त करने के निर्देश भी दिए हैं।
राजस्व न्यायालयों में पारदर्शिता और गति
नए आदेश में यह भी कहा गया है कि राजस्व न्यायालयीन कार्य के लिए नियुक्त अधिकारी केवल राजस्व न्यायालय का ही कार्य करेंगे।इन अधिकारियों की ड्यूटी प्रोटोकॉल,कानून व्यवस्था आदि कार्यों में नहीं लगाई जा सकेगी।नए आदेश में के अनुसार जिले में पदस्थ राजस्व अधिकारी जो न्यायालय का कार्य संपादित कर रहे हैं उन्हें प्रत्येक दिन अपनी उपस्थिति आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से ई-पंचिंग मॉड्यूल में दर्ज करानी होगी।
प्रोटोकॉल और कानून व्यवस्था के लिए पदस्थापना
कलेक्टर सक्सेना ने नए आदेश में प्रोटोकॉल और कानून व्यवस्था संबंधी कार्यों के लिये पृथक से 14 राजस्व अधिकारियों की पदस्थापना कर इन अधिकारियों को शहरी क्षेत्र के मामले में अपर जिला दंडाधिकारी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के मामले में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को थाना क्षेत्र का आवंटन करने के निर्देश दिए हैं।
गैर न्यायालयीन कार्यों के लिए नई जिम्मेदारी
आदेश में गैर न्यायालयीन कार्यों के लिए नियुक्त प्रभारी तहसीलदार,नायब तहसीलदार,प्रभारी तहसीलदार, प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख एवं प्रभारी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के तहत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट का उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
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