दिव्यांगों के अनुदान के लिए कलेक्टरों को मिले अधिकार...
भोपाल।।मध्यप्रदेश सरकार ने दिव्यांगों के अनुदान के लिए कलेक्टरों को अधिकार दिए हैं,अब कलेक्टर निराश्रित निधि से वरिष्ठजन आश्रम एवं दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के संचालन और कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान कर सकेंगे,कलेक्टर अधिकतम 2 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे।नए अधिकार
कलेक्टरों को निम्नलिखित कार्यों के लिए निराश्रित निधि से भुगतान करने के अधिकार दिए गए हैं:
-वरिष्ठ आश्रम को अनुदान: रिष्ठ आश्रम को अनुदान का भुगतान।
-कर्मचारियों का मानदेय:वरिष्ठ आश्रम और जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के कर्मचारियों का मानदेय भुगतान।
-आकस्मिक व्यय:वरिष्ठ आश्रम और जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में होने वाले अन्य आकस्मिक व्यय।
-दिव्यांग संस्थाओं को अनुदान:दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं को अनुदान।
-दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना:मुख्यमंत्री दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना।
-।दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना:मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना (लेपटॉप)।
लाभ
इन नए अधिकारों से वरिष्ठ आश्रम और जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के संचालन में होने वाली दिक्कतों में कमी आएगी।कलेक्टर अपने स्तर पर ही निर्णय ले सकेंगे,जिससे कर्मचारियों के मानदेय भुगतान और वरिष्ठ आश्रम को अनुदान के भुगतान में देर नहीं होगी।
मुख्य बिंदु
-निराश्रित निधि से भुगतान:कलेक्टर निराश्रित निधि से अधिकतम 2 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे।
-कलेक्टरों को अधिकार:कलेक्टरों को वरिष्ठ आश्रम और जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के संचालन और कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान करने के अधिकार दिए गए हैं।
-दिव्यांगों को लाभ:इन नए अधिकारों से दिव्यांगों को लाभ होगा और उनके लिए संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन सुगम होगा।
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