मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत का विदाई समारोह:संघर्ष से सफलता तक की कहानी...
जबलपुर।।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत 24 मई को रिटायर हो रहे हैं,मंगलवार को हाईकोर्ट परिसर में हुए विदाई समारोह के दौरान जस्टिस सुरेश कुमार कैत भावुक हो गए।उन्होंने कहा कि उनका जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा है,पिता मजदूर थे,उन्होंने भी मैट्रिक तक खुद मजदूरी करके पढ़ाई की है।चीफ जस्टिस के संघर्ष की कहानी
जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने विदाई समारोह में मौजूद अन्य जस्टिस से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं जज बनूंगा।दिल्ली में वकालत करने के दौरान वे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जूनियर भी रहे।उन्होंने बताया कि जिस स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की थी,वहां पर कमरे भी नहीं थे,ऐसी स्थिति में कक्षा पेड़ों के नीचे लगा करती थी।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जजों की कमी
चीफ जस्टिस ने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में 53 जज होना चाहिए,क्योंकि यहां पर केस की पेंडेंसी बहुत अधिक है।अभी यहां मात्र 33 जज ही हैं,इसकी वजह से जजों पर काम का बहुत अधिक दबाव होता है,मैं 27 सितंबर से अब तक 3810 केस की सुनवाई कर चुका हूं।
सिविल जज की भर्ती में बदलाव की आवश्यकता
कैत ने बताया कि सिविल जज की भर्ती में 70% नंबर की बाध्यता को खत्म किया है,क्योंकि ज्यादातर सरकारी यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने वाले छात्रों के 70% नंबर नहीं आ पाए।जबकि प्राइवेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को 70% नंबर मिल जाते हैं,इसकी वजह से गरीब छात्र सिविल जज की परीक्षा में नहीं बैठ पाते।
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