मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर बड़ी कार्रवाई:एसआईटी का गठन...
दिल्ली।।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंत्री विजय शाह मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है।तीन सदस्यीय एसआईटी में आईजी प्रमोद वर्मा,डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और एसपी वाहिनी सिंह शामिल हैं,ये तीनों आईपीएस अधिकारी विजय शाह मामले की जांच करेंगे।एसआईटी टीम के सदस्य
1.प्रमोद वर्मा आईजी सागर रेंज:2001 बैच के आईपीएस प्रमोद वर्मा सागर रेंज के आईजी हैं,फरवरी 2018 में उन्हें सागर का आईजी बनाया गया था। 2022 में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने उत्कृष्ट सेवा पदक दिया था।
2.कल्याण चक्रवर्ती डीआईजी एसएएफ:2010 बैच के आईपीएस कल्याण चक्रवर्ती भोपाल में पुलिस मुख्यालय में एसएएफ(विशेष सशस्त्र बल)के डीआईजी हैं।वे केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी गए थे 2020 में उन्हें सीबीआई में एसपी बनाया गया था,वे दतिया,खरगोन के एसपी भी रह चुके हैं।
3.वाहिनी सिंह एसपी डिंडौरी:2014 बैच की आईपीएस अफसर वाहिनी सिंह वर्तमान में डिंडौरी जिले की एसपी हैं।मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली वाहिनी सिंह की गिनती ईमानदार महिला पुलिस अफसरों में होती है,वे पहले निवाड़ी जिले की एसपी भी रह चुकीं हैं।
मंत्री विजय शाह के खिलाफ मामला
मंत्री विजय शाह ने 12 मई को महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताया था।इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर मंत्री के खिलाफ 14 मई को महू के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी,जिसके खिलाफ विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान विजय शाह के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट ने माफी मांग ली है।इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई,कोर्ट ने कहा कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं।आप पब्लिक फिगर हैं,आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए।
एसआईटी की जांच
एसआईटी को मामले की जांच करने और 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया है। एसआईटी में आईजी रैंक के अफसर को चीफ बनाया गया है और दो एसपी लेवल के अफसर शामिल हैं। इनमें एक अधिकारी महिला है और सभी अफसर मध्य प्रदेश कैडर के हैं लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं हैं।
Post a Comment
0 Comments