जिंदा होकर भी ‘मृत’ घोषित!पन्ना में मंत्री के पैरों में गिरे बुजुर्ग दंपती,बोले–दबंगों ने बेटे संग मिलकर छीन ली 6 एकड़ जमीन...
पन्ना।मध्यप्रदेश के पन्ना जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है,यहां एक बुजुर्ग दंपती ने मंच पर मंत्री के पैरों में गिरकर न्याय की गुहार लगाई।यह दंपती पंचायत के दस्तावेजों में “मृत” घोषित है,जबकि वे जिंदा हैं,दबंगों ने बेटे के साथ मिलकर न केवल उनकी 6 एकड़ जमीन हड़प ली, बल्कि उन्हें घर से भी बेदखल कर दिया।मंत्री के सामने रोते-गिड़गिड़ाते रहे बुजुर्ग
उच्च शिक्षा मंत्री और पन्ना जिले के प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार रविवार को जनवार गांव में उद्यानिकी विभाग के कार्यक्रम में पहुंचे थे।तभी गांव के 78 वर्षीय भूरा आदिवासी और उनकी पत्नी 75 वर्षीय केशकली कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और मंत्री के पैरों में गिरकर बोले–👉 “साहब! हम जिंदा हैं… हमें हमारी जमीन दिलवा दो। दबंगों ने बेटे के साथ मिलकर सब हड़प लिया।”
मंत्री ने दंपती को दिलासा देते हुए कहा कि उन्होंने कलेक्टर से बात कर ली है,पटवारी एक-दो दिन में आते ही कागज निकालकर जमीन की जांच करेंगे।
30 साल बाद लौटे तो उजड़ चुका था सबकुछ
भूरा आदिवासी और उनकी पत्नी 30 साल पहले रोज़गार की तलाश में कटनी चले गए थे। वहीं रह रहे थे, लेकिन कुछ साल पहले उनकी भतीजी उन्हें खोजकर गांव वापस लाई। गांव लौटने पर पता चला कि पंचायत रिकॉर्ड में दोनों को “मृत” दिखाकर उनकी जमीन हड़प ली गई।
👉 अब न उनके पास आधार कार्ड है,न वोटर आईडी,और न ही उन्हें पेंशन मिल रही है।
बेटा भी शामिल षड्यंत्र में
दंपती का आरोप है कि गांव के दबंगों ने उनके ही बेटे के साथ मिलकर 6 एकड़ जमीन हड़प ली। कागज गायब कर दिए और उन्हें मृत दिखा दिया।
भतीजी ने बताया कि पिछले 5 साल से वह प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही है,लेकिन आज तक उनकी पुकार अनसुनी रही।
कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट
कार्यक्रम में मौजूद कलेक्टर सुरेश कुमार ने अधिकारियों को दंपती की शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा–👉“ग्राम पंचायत से पूरे कागज मंगवाए गए हैं। जांच के बाद ही साफ होगा कि असली गड़बड़ी कहां है।”
सवालों के घेरे में पंचायत तंत्र
•पंचायत रिकॉर्ड में जिंदा लोगों को मृत दिखाना
•दबंगों और बेटे की सांठगांठ से जमीन हड़पना
•पहचान पत्र और पेंशन से वंचित करना
यह सब उस प्रशासनिक तंत्र की पोल खोलता है, जो ग्रामीण गरीबों के लिए सुरक्षा कवच होना चाहिए था।
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