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Politics News:MP में 1100 से ज्यादा अफसर सरकार के निशाने पर,सोमवार से गिर सकती है कार्रवाई की गाज...

MP में 1100 से ज्यादा अफसर सरकार के निशाने पर,सोमवार से गिर सकती है कार्रवाई की गाज...

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार अब Revenue Officers Strike पर सख्त रुख अपनाने जा रही है।प्रदेशभर के 1100 से ज्यादा तहसीलदार और नायब तहसीलदार लगातार कामकाज से दूरी बनाए हुए हैं।सूत्रों के मुताबिक सोमवार से सरकार इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action)शुरू कर सकती है।

क्या है मामला?

6 अगस्त से पूरे प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार कार्य विभाजन (Separation of Judicial & Non-Judicial Work) के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

•अधिकारियों का आरोप है कि सरकार के इस कदम से उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों में अनावश्यक बाधा आएगी।

•विरोध स्वरूप वे आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों को छोड़कर बाकी सभी राजस्व संबंधी काम रोक चुके हैं।

आम जनता क्यों परेशान?

तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को जमीनी प्रशासन की रीढ़ माना जाता है।उनके काम बंद करने से:

•नामांतरण

•बंटवारा

•प्रमाण पत्र

•रजिस्ट्री व राजस्व संबंधी विवाद

जैसे जरूरी काम अटक गए हैं। प्रदेशभर में अब तक 90 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हो चुके हैं।

सरकार का सख्त तेवर

राज्य शासन ने अब अफसरों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है।

•अवर सचिव संजय कुमार ने सभी कमिश्नरों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

•सोमवार से सभी हड़ताली तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

•बताया जा रहा है कि सरकार इन्हें सिविल सेवा नियमों के तहत जवाबदेह बनाएगी।

इंदौर में कार्रवाई की शुरुआत

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के 42 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का 1 दिन का वेतन काटने का आदेश पहले ही जारी कर दिया है। कलेक्टर का कहना है कि यह लापरवाही और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

आगे क्या?

सरकारी सूत्रों का मानना है कि यदि अधिकारी काम पर नहीं लौटे तो निलंबन और अन्य कठोर कदम भी उठाए जा सकते हैं।

इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि सरकार और राजस्व अधिकारियों के बीच टकराव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है।

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