मध्यप्रदेश में पदोन्नति नियमों का नया अध्याय: जानिए क्या हैं नए नियम और क्यों है विवाद..?

नए पदोन्नति नियम:क्या है नया?
-पदोन्नति का आधार:उच्च वेतनमान के पदों पर पदोन्नति "योग्यता और वरिष्ठता" के आधार पर होगी, जबकि अन्य सभी पदों पर पदोन्नति "वरिष्ठता और उपयुक्तता" के आधार पर की जाएगी।
-आरक्षण:अनुसूचित जनजाति(ST) के लिए 20% और अनुसूचित जाति(SC) के लिए 16% आरक्षण का प्रावधान है।
-विभागीय पदोन्नति समिति:राज्य शासन द्वारा पदोन्नति के लिए प्रत्येक संवर्ग के पदों का निर्धारण किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष विभाग के सचिव और विभागाध्यक्ष सचिव होंगे।
-पदोन्नति के लिए अपात्र:यदि कर्मचारी निलंबित है, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी है,या किसी आपराधिक आरोप में कोर्ट में चालान पेश किया गया है,तो ऐसे मामलों में खाली पदों को अस्थायी रूप से भरा जाएगा।
विवाद और कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
सामान्य,पिछड़ा और अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी संघ(सपाक्स) ने नए नियमों के विरोध में आवाज उठाई है।उनका कहना है कि सरकार ने क्रीमीलेयर को आरक्षण से बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं जोड़ा है,जिससे सामान्य,पिछड़ा और ओबीसी को कोई तात्कालिक लाभ नहीं मिलेगा।
सरकार की तैयारी और हाई कोर्ट में कैविएट
सामान्य प्रशासन विभाग ने हाई कोर्ट में कैविएट दायर की है,जिसमें कहा गया है कि यदि कोई पदोन्नति नियम या उसके किसी भी प्रावधान को चुनौती देता है। तो अग्रिम जानकारी महाधिवक्ता कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए और सरकार का पक्ष सुने बिना कोई भी स्थगन आदेश पारित न किया जाए।
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