तांत्रिक साधना का पर्व:गुप्त नवरात्रि की महत्ता और लाभ...
गुप्त नवरात्रि,जिसे तांत्रिक नवरात्रि भी कहा जाता है, वर्ष में दो बार आती है — एक आषाढ़ मास में और दूसरी माघ मास में। यह नवरात्रि बाह्य भक्ति से अधिक अंतः साधना,तंत्र, और शक्ति जागरण के लिए जानी जाती है।यह उन साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है जो गुप्त शक्तियों,सिद्धियों और आध्यात्मिक उत्थान की गूढ़ राह पर चल रहे होते हैं।
गुप्त नवरात्रि का महत्व
-गुप्त क्यों कहलाती है?:इस नवरात्रि को“गुप्त” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी साधनाएँ सार्वजनिक नहीं होतीं।इसमें की जाने वाली पूजा,मंत्र-जप,हवन और अनुष्ठान अत्यंत गोपनीय और व्यक्तिगत होते हैं।
-तांत्रिक साधना:गुप्त नवरात्रि में देवी के प्रचंड,उग्र और तांत्रिक रूपों की साधना की जाती है,जैसे:काली,तारा, त्रिपुर भैरवी,छिन्नमस्ता,धूमावती,बगलामुखी,मातंगी, आदि।
किसके लिए उपयुक्त है यह साधना?
-तांत्रिक साधकों के लिए:जो साधना के ऊँचे स्तर पर प्रवेश करना चाहते हैं।
-हीलर्स,ओझा,और तांत्रिक चिकित्सक:जो आत्मरक्षा, दूसरों की रक्षा या उपचार हेतु शक्तियाँ अर्जित करना चाहते हैं।
-क्लेश,तनाव और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति:जो लोग अपने जीवन में क्लेश,तनाव और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति चाहते हैं।
निष्कर्ष
गुप्त नवरात्रि एक ऐसा पर्व है जो तांत्रिक साधकों और आध्यात्मिक जिज्ञासुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें की जाने वाली साधनाएँ और अनुष्ठान गोपनीय और व्यक्तिगत होते हैं,जो साधकों को गुप्त शक्तियों और सिद्धियों की प्राप्ति में मदद करते हैं।
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