वन बल प्रमुख की कुर्सी पर जल्द विराजमान होगा नया चेहरा:वीएन अंबाड़े सबसे आगे,डीपीसी में तय हुई संभावनाएं...
भोपाल।।मध्यप्रदेश के वन विभाग में शीर्ष स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है,विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की अहम बैठक गुरुवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में हुई,जहां वन बल प्रमुख (Head of Forest Force - HOFF) के नए नाम को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ।
31 जुलाई को मौजूदा हॉफ असीम श्रीवास्तव के सेवानिवृत्त होने के बाद यह सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव माना जा रहा है,क्योंकि यह न सिर्फ नेतृत्व का ट्रांजिशन है,बल्कि वन विभाग की रणनीतिक दिशा तय करने का क्षण भी है।
बैठक में क्या हुआ?
👉पहले बुधवार को प्रस्तावित यह बैठक राजस्थान के हॉफ की अनुपस्थिति के कारण टल गई थी,
👉लेकिन केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के हॉफ श्रीनिवासन को डीपीसी में भेजकर गतिरोध तोड़ दिया।
👉बैठक में तीन वरिष्ठ आईएफएस अफसरों के नाम पैनल में चर्चा के लिए शामिल किए गए:
वीएन अंबाड़े (1988 बैच,वर्तमान में पीसीसीएफ,वन विकास निगम)
एचयू खान (1989 बैच)
विभाष ठाकुर (1990 बैच)
कौन सबसे प्रबल दावेदार है?
सूत्रों के अनुसार,सीनियरिटी और हालिया परफॉर्मेंस के आधार पर वीएन अंबाड़े का नाम लगभग तय माना जा रहा है।
पिछले कई वर्षों से परंपरा रही है कि विभाग का सबसे वरिष्ठ अधिकारी ही हॉफ की जिम्मेदारी संभालता है — और अंबाड़े उस परिपाटी पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।
इस पद की अहमियत क्या है?
हॉफ सिर्फ एक पद नहीं बल्कि राज्य के वन प्रबंधन, नीति-निर्धारण और पर्यावरणीय संतुलन का वास्तुकार होता है।
आने वाले समय में पर्यावरणीय चुनौतियों, अवैध खनन,और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में हॉफ की भूमिका बेहद अहम होने जा रही है।
वन विभाग के 2030 तक के विज़न डॉक्युमेंट को लागू करने में भी यह नियुक्ति निर्णायक होगी।
राजनीतिक और प्रशासनिक समीकरण भी महत्वपूर्ण
इस बार की डीपीसी में छत्तीसगढ़ के हॉफ को शामिल किया जाना न केवल तकनीकी विकल्प था,बल्कि यह दर्शाता है कि सरकार इस नियुक्ति को लेकर अतिरिक्त संवेदनशील और सतर्क है।यह भी संकेत हो सकता है कि निर्णय को आंतरिक लॉबिंग या क्षेत्रीय संतुलन से प्रभावित नहीं होने दिया गया।
अब अगली कड़ी क्या होगी?
📅एक अगस्त से पहले शासन द्वारा आदेश जारी किए जाने की संभावना है।
📜डीपीसी की सिफारिशों को मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी मिलते ही नए हॉफ का नाम आधिकारिक रूप से घोषित होगा।
✅ निष्कर्ष:
वन बल प्रमुख की यह नियुक्ति सिर्फ वरिष्ठता का सम्मान नहीं —बल्कि राज्य के पर्यावरणीय भविष्य की नींव है।वीएन अंबाड़े की संभावना अगर पक्की होती है,तो यह एक अनुभवी लेकिन लो-प्रोफाइल नेतृत्व के उदय का संकेत है।
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