मध्यप्रदेश में स्टॉप डायरिया सह दस्तक अभियान:स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं का नया अध्याय...
जबलपुर।।मध्यप्रदेश में जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर कुपोषण,एनीमिया,निमोनिया,डिहाइड्रेशन और संक्रमण की पहचान,त्वरित उपचार और रेफरल के लिए स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास का संयुक्त प्रयास।इस अभियान के तहत ओआरएस पैकेट और जिंक टेबलेट का वितरण किया जाएगा और बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।कार्यशाला का आयोजन और अभियान की रूपरेखा
-जिला चिकित्सालय स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार जबलपुर में एक दिवसीय अंर्तविभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
-कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.संजय मिश्रा ने बताया कि डायरिया बीमारी से बढ़ती शिशु मृत्यु दर को ध्यान में रखते हुए यह अभियान प्रारंभ किया जा रहा है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
अभियान के दौरान दी जाने वाली सेवाएं और उनके लाभ
-5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान,त्वरित प्रबंधन और आवश्यकता अनुसार रेफरल, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
-एचबीएनसी तथा एचबीवायसी की तर्ज पर उच्च जोखिम वाले नवजात एवं शिशुओं का चिन्हांकन एवं रेफरल, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
-6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में डिजिटल हेमोग्लोबिनोमीटर द्वारा एनीमिया की जांच तथा प्रोटोकॉल आधारित प्रबंधन,जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
अभियान के लिए तैयारियां और सफल संचालन
-जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.विनीता उप्पल और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.विनोद गुप्ता ने अभियान के लिए तैयारियों की समीक्षा की और सभी ब्लॉक के बीपीएम और बीसीएम को अभियान के सफल संचालन के लिए निर्देश दिए गए।
-अभियान के सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की जा रही हैं,जिससे बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
अभियान का महत्व और भविष्य में इसके प्रभाव
-यह अभियान मध्यप्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम करने और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
-इस अभियान के माध्यम से समुदाय में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, जिससे मध्य प्रदेश के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा।
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