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“नगर पालिका में बगावत:BJP–कांग्रेस दोनों दलों के 19 पार्षदों और उपाध्यक्ष ने एकसाथ दिया इस्तीफा, गूंजे ‘भ्रष्टाचार हटाो’ के नारे”

“नगर पालिका में बगावत:BJP–कांग्रेस दोनों दलों के 19 पार्षदों और उपाध्यक्ष ने एकसाथ दिया इस्तीफा,गूंजे ‘भ्रष्टाचार हटाो’ के नारे”

शिवपुरी।मध्यप्रदेश की राजनीति में ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया,शिवपुरी नगर पालिका में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के 19 पार्षदों समेत उपाध्यक्ष ने सामूहिक इस्तीफा देकर इतिहास रच दिया है।सभी पार्षद बैंड-बाजे और जुलूस के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा सौंप दिया।

पार्षदों का आरोप है कि नगर पालिका अध्यक्ष की हठधर्मिता और भ्रष्टाचार ने संस्थान की गरिमा को तार-तार कर दिया है।भ्रष्टाचार के खिलाफ जब आवाज उठाई गई तो उसे दबा दिया गया,ऐसे में इस्तीफा देना ही एकमात्र रास्ता बचा था।

गायत्री शर्मा के खिलाफ ‘बगावत’

पार्षदों ने कलेक्ट्रेट परिसर में खुलकर नारेबाजी की—

👉“गायत्री शर्मा चोर है!”

👉“भ्रष्टाचार बंद करो!”

जब इस्तीफे लेने कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं आया तो पार्षद धरने पर बैठ गए और सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। दो महीने पहले ही बगीचा सरकार हनुमान मंदिर में 22 से अधिक पार्षदों ने कसम खाई थी कि यदि अध्यक्ष को पद से नहीं हटा पाए तो सामूहिक इस्तीफा देंगे। आज वही शपथ सच साबित हुई।

अविश्वास प्रस्ताव भी नाकाम,फिर इस्तीफा

इससे पहले नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था,लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया,प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव ने हस्तक्षेप कर प्रस्ताव को वापस करा दिया था।

लेकिन अब 19 पार्षदों और उपाध्यक्ष ने मिलकर इस्तीफा दे दिया।यह प्रदेश के इतिहास में पहली बार है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के पार्षदों ने मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाया है।

प्रशासन ने क्या कहा?

अपर कलेक्टर दिनेश शुक्ला ने बताया कि—

👉10 पार्षदों ने सामूहिक और 8 पार्षदों ने अलग-अलग इस्तीफे दिए हैं।

👉फिलहाल ये न्यायालयीन प्रकरण है,इस्तीफे कलेक्टर को भेजे जाएंगे।

👉मंजूरी या नामंजूरी पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

बड़ा सवाल

•क्या नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा पर कोई कार्रवाई होगी या सत्ता का दबाव काम आएगा?

•क्या दोनों दलों के पार्षदों का यह कदम प्रदेश की अन्य नगर पालिकाओं में भी असर डालेगा?

•क्या जनता के मुद्दों पर बने यह ‘गठबंधन’ आगे भी कायम रहेगा या फिर यह सिर्फ एक विरोध की औपचारिकता है?

निचोड़

शिवपुरी नगर पालिका का यह सामूहिक इस्तीफा प्रदेश की राजनीति में बड़ा झटका है।

👉19 पार्षदों और उपाध्यक्ष का एकसाथ पद छोड़ना इस बात का सबूत है कि भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ अब नेता भी सड़क पर उतरने को मजबूर हैं।

अब देखना होगा कि सरकार इस बगावत को कैसे हैंडल करती है – क्या अध्यक्ष पर कार्रवाई होगी या फिर मामला दबा दिया जाएगा।

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