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Jabalpur Top:नर्सिंग डिग्री पूरी,3 साल बेरोजगार:सरकारी बॉन्ड में बंधी जबलपुर की छात्राएं मेडिकल कॉलेज में धरने पर,भोपाल तक दौड़ कर भी मिला सिर्फ आश्वासन

नर्सिंग डिग्री पूरी,3साल बेरोजगार:सरकारी बॉन्ड में बंधी जबलपुर की छात्राएं मेडिकल कॉलेज में धरने पर,भोपाल तक दौड़ कर भी मिला सिर्फ आश्वासन

जबलपुर/स्पेशल रिपोर्ट —नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज का प्रांगण इन दिनों नर्सिंग की छात्राओं की नाराज़गी और हताशा का गवाह बन रहा है।सफेद यूनिफॉर्म में बैठी ये छात्राएं सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि अपना हक मांग रही हैं—वो हक,जो उन्हें तीन साल पहले मिल जाना चाहिए था।

इन छात्राओं ने 4 साल की कठिन पढ़ाई और अस्पताल में ड्यूटी के बाद नर्सिंग डिग्री हासिल की, लेकिन सरकारी बॉन्ड के बंधन ने उनकी ज़िंदगी थाम दी।बॉन्ड की शर्त साफ कहती है—"सरकार में जॉइनिंग लो,तभी कहीं और काम कर सकती हो" — लेकिन जॉइनिंग के नाम पर तीन साल से सिर्फ तारीखें और आश्वासन दिए जा रहे हैं।

"रीवा-ग्वालियर को नौकरी,हमें इंतज़ार"

जबलपुर की छात्राओं का आरोप है कि प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज—रीवा,ग्वालियर,भोपाल—की नर्सिंग छात्राओं को नौकरी दी जा चुकी है,लेकिन जबलपुर की छात्राएं लगातार टरकाई जा रही हैं।मनीषा अग्रवाल,जो धरने में बैठी छात्राओं में से एक हैं,कहती हैं

"हम कहीं और नौकरी नहीं कर सकतीं।डीन से लेकर डीएम तक चक्कर लगा चुके हैं,मानसिक और आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है।"

सरकार का वादा,रिक्त पदों का बहाना

मेडिकल कॉलेज के डीन नवनीत सक्सेना का कहना है कि यह समस्या पूरे मध्य प्रदेश की है।बॉन्ड के तहत 5 साल के लिए नौकरी देने का वादा है,लेकिन रिक्त पद न होने का हवाला देकर सरकार ने नियुक्तियां रोक रखी हैं।डीन के मुताबिक,उन्होंने कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन से बात की है और 15 दिन में हल निकालने का आश्वासन मिला है।

मुद्दा सिर्फ नौकरी का नहीं

यह मामला सिर्फ रोजगार का नहीं,बल्कि सिस्टम की पारदर्शिता और जिम्मेदारी का है।सवाल उठता है — जब सरकार बॉन्ड की शर्तों से छात्रों को निजी नौकरी करने से रोक सकती है, तो फिर समय पर सरकारी नौकरी क्यों नहीं दे सकती?


धरने पर बैठी ये छात्राएं फिलहाल उम्मीद और अनिश्चितता के बीच हैं। लेकिन एक बात साफ है — अगर इस बार भी सिर्फ तारीखें मिलीं, तो ये आंदोलन और तेज़ होगा।

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