जबलपुर में ठेकेदारों का हंगामा:‘53 करोड़ रु.दो या काम बंद’,मजदूरों के चूल्हे ठंडे,शहर की रफ्तार थमी...
जबलपुर।नगर निगम और ठेकेदारों के बीच लंबित भुगतान को लेकर खींचतान अब भड़ककर खुले विरोध में बदल गई है।करीब 300 ठेकेदारों ने डेढ़ साल से अटके 53 करोड़ रुपये की रकम न मिलने पर शहर के सभी विकास कार्य ठप करने का ऐलान कर दिया है।रक्षाबंधन से पहले नगर निगम ने 20% भुगतान किया, मगर ठेकेदारों ने यह राशि लौटा दी। कारण—इसमें से 18% जीएसटी कटने के बाद हाथ में सिर्फ नाममात्र की रकम बचती है,जो मजदूरों की दिहाड़ी और सामग्री दोनों के लिए नाकाफी है।
मजदूरों के घरों में सन्नाटा
औसतन हर ठेकेदार के पास 50–60 मजदूर काम करते हैं,आंशिक भुगतान लौटने के बाद इन मजदूरों की रोज़ी पर सीधा असर पड़ा है।कई घरों में चूल्हे ठंडे पड़ने लगे हैं और परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
कलेक्टर–कमिश्नर तक पहुँचा गुस्सा
ठेकेदारों ने पहले कलेक्टर से मुलाकात की,जिन्होंने नगर निगम कमिश्नर को समाधान के निर्देश दिए। ठेकेदार अभिषेक सोनकर ने साफ चेतावनी दी—“जब तक पूरा भुगतान नहीं मिलता,काम शुरू नहीं होगा। 20% के चेक हमें मंजूर नहीं।”
निगम की सफाई
नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर का कहना है कि वित्तीय संकट के कारण फिलहाल पूरा भुगतान संभव नहीं है।रक्षाबंधन पर सिर्फ निगम कर्मचारियों को वेतन दिया गया है,ठेकेदारों को नहीं।
नतीजा – शहर में निर्माण,मरम्मत और विकास कार्य पूरी तरह ठप और हर बीतते दिन के साथ नाराजगी और संकट दोनों बढ़ते जा रहे हैं।
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