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Jabalpur Top:"दीवारों के पीछे दबा इंसाफ:जबलपुर में अस्पताल बना उत्पीड़न का अड्डा,अधिवक्ता परिवार की चीख सड़कों तक पहुंची"

"दीवारों के पीछे दबा इंसाफ:जबलपुर में अस्पताल बना उत्पीड़न का अड्डा,अधिवक्ता परिवार की चीख सड़कों तक पहुंची"

स्वास्तिक अस्पताल के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने उठाई आवाज़,आम रास्ता रोकने से लेकर संविधान को गाली देने तक लगे गंभीर आरोप — प्रशासन के दरवाज़े खटखटाए,चेताया भी।

जबलपुर|06 अगस्त 2025|विशेष रिपोर्ट

आम रास्ता बंद।धमकियां आम।अस्पताल के भीतर इलाज नहीं,उत्पीड़न का इलाज तैयार किया जा रहा है।

जबलपुर के माढ़ोताल इलाके में रहने वाले अधिवक्ता दीपांशु साहू और उनके परिवार के साथ जो हो रहा है, वह सिर्फ एक पारिवारिक झगड़ा नहीं,बल्कि एक सामाजिक संकट बनता जा रहा है।

परिवार ने आरोप लगाया है कि स्वास्तिक अस्पताल प्रबंधन—खासकर कृष्ण कुमार साहू,अशोक कुमार साहू और दिनेश साहू — लगातार उनके घर से मुख्य मार्ग तक पहुंचने वाले रास्ते को बाधित कर रहे हैं।यह रास्ता कोई निजी संपत्ति नहीं,बल्कि नगर नियोजन के रिकॉर्ड में एक वैध,सार्वजनिक मार्ग है।

एक रास्ता,कई बार रोका गया:

•लोहे के गेट लगाना

•एंबुलेंस और निजी गाड़ियां पार्क करना

•जानबूझकर कचरा और मेडिकल वेस्ट डालना

•बच्चों और बुज़ुर्गों को मानसिक उत्पीड़न देना

•यह सब उस परिवार के साथ हो रहा है जो दो दशक से वहीं निवास कर रहा है।

प्रशासन को दिया गया ज्ञापन:

समाजवादी पार्टी जबलपुर जिला इकाई ने आज एक सशक्त ज्ञापन सौंपा जिसमें इस गंभीर मामले की ओर ध्यान दिलाया गया।ज्ञापन में 2002 के नक्शे का हवाला,9 जून 2025 के नायब तहसीलदार के आदेश, और BNS की कई धाराओं का उल्लेख किया गया है — जिनका उल्लंघन खुलेआम हो रहा है।

“संविधान को गाली”:आरोप जो आग में घी डाल रहा

ज्ञापन के मुताबिक,अस्पताल प्रबंधन के सदस्य अशोक साहू ने भारत के संविधान को लेकर आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया।यह बयान केवल व्यक्तिगत नहीं,देशद्रोह की श्रेणी में आता है।

अस्पताल के पीछे "डंपिंग यार्ड"

स्थानीय नागरिकों और समाजवादी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल के पीछे खुले में:

•शराब की बोतलें

•मास्क, मेडिकल वेस्ट

•जहरीला कचरा और गंदगी

फेंकी जाती है,जिससे गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है।

समाजवादी पार्टी की सात मांगें:

1.आम रास्ता तत्काल खोला जाए और अवरोध स्थायी रूप से रोका जाए

2.अस्पताल मालिकों और स्टाफ पर FIR दर्ज हो

3.पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा दी जाए

4.तहसीलदार के आदेश की अवहेलना करने पर दंडात्मक कार्रवाई हो

5.संविधान-विरोधी बयान पर देशद्रोह की धाराएं लगें

6.प्रदूषण और गंदगी पर जनस्वास्थ्य अधिनियमों के तहत कार्रवाई हो

7.अवैध मशीनें और गेट तत्काल हटाए जाएं

“अब सड़क पर उतरेंगे”:पार्टी की चेतावनी

समाजवादी पार्टी ने कहा है कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता,तो वे पीड़ित परिवार के समर्थन में सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे।

ज्ञापन सौंपने वालों में ज़िला अध्यक्ष कमलेश पटेल, महासचिव नरेन्द्र राकेशिया,प्रदेश सचिव आशीष मिश्रा सहित कई नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे।

निष्कर्ष:

क्या एक अस्पताल,जो जनता की सेवा के लिए बना है,आम नागरिक की ज़िंदगी को कैदखाने में बदल सकता है?

यह मामला जबलपुर के लिए एक मिसाल बनेगा — या प्रशासन की चुप्पी इसे एक और दबा हुआ सच बना देगी?

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