जबलपुर और नरसिंहपुर में GST घोटाला:फर्जी बिल और करोड़ों का कर चोरी उजागर,प्रशासन पर सवालिया निशान...
जबलपुर।मध्यप्रदेश में कर चोरी और फर्जी बिलिंग का मामला फिर से सुर्खियों में है।सीजीएसटी विभाग ने जबलपुर और नरसिंहपुर में छापामार कार्रवाई करते हुए स्क्रैप व्यापारी नरु अग्रवाल और चार प्रमुख फर्मों पर रेड मारी।अधिकारियों ने बिना वास्तविक माल की आपूर्ति किए फर्जी बिलों के जरिए लाखों रुपये के GST इनपुट क्रेडिट(ITC) का घोटाला उजागर किया।यह मामला न केवल व्यापार जगत की साख को धूमिल करता है,बल्कि प्रशासन की निगरानी और नियमित जांच की कमी पर भी सवाल खड़े करता है।
फर्मों की संदिग्ध गतिविधियां
छापामार कार्रवाई में शामिल फर्में:
•नरसिंहपुर:मेसर्स मोहनलाल कंस्ट्रक्शन
•जबलपुर:मेसर्स गोयंका स्टील री-रोलिंग मिल
•मेसर्स उत्सव डिस्ट्रीब्यूटर्स
•मेसर्स कोरबा मेटल एंड कंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड
सीजीएसटी अधिकारियों का कहना है कि ये फर्में शेल कंपनियों की तरह काम कर रही थीं,जहां वास्तविक लेन-देन के बिना फर्जी इनवॉइस जारी किए जा रहे थे।इन बिलों के सहारे व्यापारियों ने GST क्रेडिट का गलत दावा किया,जिससे सरकारी खजाने को गंभीर नुकसान पहुंचा।
जांच में सामने आया बड़ा घोटाला
•प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक,करोड़ों रुपये के फर्जी लेन-देन का खुलासा हुआ।
•जांच एजेंसी अब डेटा एनालिसिस और डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए पूरे नेटवर्क की तहकीकात कर रही है।
•अगर दोष सिद्ध होता है,तो संबंधित फर्मों पर जुर्माना और आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
निगेटिव इम्पैक्ट और सवाल
•फर्जीवाड़ा व्यापार जगत की ईमानदारी पर सवाल उठाता है।
•सरकारी निगरानी और नियमित ऑडिट की कमी स्पष्ट हुई।
•आम जनता और छोटे व्यापारियों का विश्वास हिल सकता है, क्योंकि बड़े व्यापारी कानून को ताक पर रखते हुए कर चोरी कर रहे हैं।
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