GST कम होने से क्या फायदा और नुकसान?पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें..
भारत में GST(Goods and Services Tax)को लागू हुए कई साल हो चुके हैं।सरकार समय-समय पर GST की दरों में बदलाव करती रहती है ताकि जनता और कारोबारियों पर टैक्स का बोझ कम किया जा सके।हाल ही में कई सेक्टरों में GST कम करने की चर्चा फिर से तेज़ हो गई है।लेकिन क्या सच में GST कम होने से केवल फायदे ही होंगे,या इसके कुछ नुकसान भी सामने आ सकते हैं?आइए जानते हैं विस्तार से।GST कम होने के फायदे
1.सस्ती होंगी ज़रूरी चीज़ें
जब GST कम होगा तो सीधा असर प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की कीमतों पर पड़ेगा।
•रोज़मर्रा की ज़रूरत जैसे कपड़े,जूते,इलेक्ट्रॉनिक आइटम और पैकेज्ड फूड सस्ते हो सकते हैं।
•आम जनता की जेब पर पड़ने वाला भार कम होगा और बचत बढ़ेगी।
2.बढ़ेगी मार्केट में डिमांड
कम GST का मतलब है कि सामान और सेवाओं की कीमतें घटेंगी।
•इससे लोग ज़्यादा खरीदारी करेंगे,
•बिज़नेस को ज्यादा सेल्स और मुनाफा होगा।
3.छोटे कारोबारियों को राहत
छोटे और मझोले व्यापारी अक्सर टैक्स दरों के कारण संघर्ष करते हैं।
•कम GST उन्हें कम प्राइस पर प्रोडक्ट बेचने का मौका देगा,
•जिससे उनका बिज़नेस और ग्राहकों की संख्या दोनों बढ़ेंगे।
4.इकोनॉमी को बूस्ट
कम GST से मार्केट में कैश फ्लो बढ़ेगा और इकोनॉमी में ग्रोथ देखने को मिलेगी।
•इससे रोज़गार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
GST कम होने के नुकसान
1.सरकारी राजस्व में कमी
GST सरकार के लिए सबसे बड़ा टैक्स कलेक्शन सोर्स है।
•टैक्स कम होने से सरकार की कमाई घट सकती है,
•जिसका असर इंफ्रास्ट्रक्चर,शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ सकता है।
2.फिस्कल डेफिसिट का खतरा
कम राजस्व का मतलब है कि सरकार को अपना खर्च पूरा करने के लिए कर्ज़ लेना पड़ सकता है,
•इससे देश का फिस्कल बैलेंस बिगड़ सकता है।
3.बढ़ सकता है काला बाज़ार
अगर सरकार राजस्व घाटा पूरा करने के लिए नए टैक्स या चार्जेज़ लगाएगी, तो
•कारोबारी बचने के लिए अवैध तरीकों का सहारा ले सकते हैं।
जनता के लिए संदेश
GST दर कम होना अच्छी खबर है,लेकिन यह तभी फायदेमंद है जब सरकार और जनता दोनों जिम्मेदारी से आर्थिक फैसले लें।
•कम टैक्स का मतलब सिर्फ सस्ती चीज़ें खरीदना नहीं,बल्कि इकोनॉमी को मजबूती देना भी है।
•हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह ईमानदारी से टैक्स भरे ताकि देश की प्रगति जारी रहे।
निष्कर्ष
GST कम होने से जनता को राहत, मार्केट में तेजी और छोटे कारोबारियों को नई उम्मीद मिल सकती है।लेकिन सरकार के राजस्व में कमी और फिस्कल डेफिसिट जैसे खतरे को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता।इसलिए जरूरत है संतुलित टैक्स पॉलिसी की,जो जनता को राहत दे और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाए।
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