मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर संकट!70 हज़ार टीचर पद खाली–सरकार ने फिर जुगाड़ से भरी क्लासरूम...
भोपाल।क्या बच्चों का भविष्य अब सिर्फ़"गेस्ट"के भरोसे?मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70,000 से ज्यादा शिक्षक पद खाली हैं।स्थायी भर्ती का इंतज़ार कर रहे बेरोज़गार युवाओं को झटका देते हुए सरकार ने सत्र के बीच अतिथि शिक्षकों से ही पढ़ाई चलाने का फरमान सुना दिया है।
स्थायी भर्ती अटकी,गेस्ट टीचर बने सहारा
👉शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है कि सभी प्राचार्य अब स्थानीय स्तर पर योग्य अतिथि शिक्षक चुनें।
👉पूरी प्रक्रिया GFMS पोर्टल से ऑनलाइन होगी,लेकिन यह सिर्फ़ जुगाड़ू इंतज़ाम है।
👉विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार की यह जल्दबाज़ी बच्चों की पढ़ाई के साथ खिलवाड़ है।
सवालों के घेरे में सरकार
•आखिर स्थायी भर्ती कब होगी?
•क्या गेस्ट टीचर्स बच्चों को लंबे समय तक क्वालिटी एजुकेशन दे पाएंगे?
•5 साल से रुकी भर्ती सिर्फ़ सिस्टम की लापरवाही तो नहीं?
शिक्षा की जमीनी हकीकत
✔70,000 से अधिक पद खाली
✔ग्रामीण स्कूलों में बच्चों की क्लास तक बंद
✔बेरोज़गार डिग्रीधारी उम्मीदवार दर-दर भटक रहे
✔शिक्षा का स्तर लगातार नीचे गिर रहा
निष्कर्ष
सरकार के इस कदम ने साफ कर दिया है कि स्थायी समाधान की बजाय अस्थायी जुगाड़ ही फिलहाल सिस्टम का आधार है।बच्चों का भविष्य फिलहाल “गेस्ट मोड”पर है और यह सवाल हर अभिभावक को परेशान कर रहा है।
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