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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत...

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत...

जबलपुर।।मध्य प्रदेश के जबलपुर में हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि 25 साल की सेवा के बाद किसी कर्मचारी को सिर्फ इसलिए बर्खास्त नहीं किया जा सकता कि उसकी मूल नियुक्ति अवैध थी। यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है और उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा।


बरकतउल्ला विवि के बर्खास्त कर्मचारी को बहाल करने का आदेश


चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने बरकतउल्ला विवि के बर्खास्त किए गए कर्मचारी नरेन्द्र त्रिपाठी को 50% बैकवेज के साथ बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता स्थायी कर्मचारी है, ऐसे में उसकी सेवा केवल कदाचरण के आरोप पर जांच और चार्जशीट के बाद ही समाप्त की जा सकती थी।


विवि का बर्खास्तगी आदेश अवैधानिक


कोर्ट ने माना कि विवि ने बिना जांच और चार्जशीट के याचिकाकर्ता को बर्खास्त किया, जो अवैधानिक है। याचिकाकर्ता ओर से अधिवक्ताओं एलसी पटने और अभय पांडे ने दलील दी थी कि उनकी नियुक्ति 1998 में हुई थी और 2012 में उन्हें नियमित कर दिया गया था। न तो उनके खिलाफ कोई शिकायत थी, न ही कोई विभागीय जांच हुई।


कोर्ट ने माना कि नियुक्ति के समय याचिकाकर्ता सभी योग्यताएं रखते थे


कोर्ट ने माना कि नियुक्ति के समय याचिकाकर्ता सभी योग्यताएं रखते थे और उनकी सेवा अनियमित थी, अवैध नहीं। इस फैसले से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।


कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत


यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है और उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा। इससे कर्मचारियों को अपने भविष्य के बारे में सुरक्षित महसूस करने में मदद मिलेगी और वे अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।


न्यायपालिका की भूमिका और महत्व


न्यायपालिका की भूमिका है कि वह कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करे और उन्हें न्याय दिलाए। इस फैसले से न्यायपालिका की भूमिका को और मजबूत किया गया है और कर्मचारियों को अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।


फैसले का महत्व और भविष्य में इसका प्रभाव


यह फैसला न केवल कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह न्यायपालिका की भूमिका को भी दर्शाता है। इससे कर्मचारियों को अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी और वे अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। भविष्य में यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक नई दिशा दिखाएगा।


कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा और न्यायपालिका की जिम्मेदारी


कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना न्यायपालिका की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इस फैसले से कर्मचारियों को अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी और वे अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। न्यायपालिका की जिम्मेदारी है कि वह कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करे और उन्हें न्याय दिलाए।

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