भारत पर पाकिस्तानी ड्रोन हमला:विदेश मंत्रालय का बयान...
नई दिल्ली।।भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने गुरुवार रात भारत के अलग-अलग हिस्सों में हुए हमलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर 300 से 400 ड्रोन छोड़े।36 स्थानों पर ड्रोन घुसपैठ का प्रयास
कर्नल सोफिया ने बताया कि लेह से लेकर सर क्रीक तक 36 स्थानों पर ड्रोन घुसपैठ का प्रयास किया गया। भारतीय सुरक्षा बलों ने काइनेटिक और नॉन काइनेटिक साधनों का उपयोग कर कई ड्रोन को मार गिराया। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर हवाई घुसपैठों का संभावित उद्देश्य हवाई रक्षा प्रणालियों का परीक्षण करना और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था।
ड्रोन के मलबे की जांच
उन्होंने कहा कि ड्रोन के मलबे की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, जिसमें पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की निर्मित हैं। जांच के बाद ही पता चलेगा कि इन ड्रोन को किसने और क्यों भेजा था। कर्नल सोफिया ने कहा कि जांच में यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इन ड्रोन का उपयोग जासूसी या हमले के लिए किया गया था।
सीमा पर भारी गोलाबारी
कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर भारी गोलाबारी हो रही है, जिसमें भारतीय सेना के कुछ जवान हताहत हुए हैं। भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है। हालांकि, उन्होंने हताहत हुए जवानों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी।
भारत की जवाबी कार्रवाई
कर्नल सोफिया ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की गोलाबारी का जवाब दिया है और पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और पाकिस्तान को अपनी हरकतों से बाज आने के लिए कहा।
आगे की कार्रवाई
अब देखना यह है कि पाकिस्तान की तरफ से आगे क्या कार्रवाई की जाती है और भारत कैसे अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाता है। यह घटना दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव
यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकती है। दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध हैं और यह घटना इसे और बढ़ा सकती है। भारत ने पहले भी पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया है और यह घटना उस आरोप को और मजबूत कर सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अब देखना यह है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस घटना पर कैसे प्रतिक्रिया देता है। क्या वे भारत का समर्थन करेंगे या पाकिस्तान को समझाने की कोशिश करेंगे? यह घटना दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बना सकती है।
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