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MP FOREST:वनाधिकार पट्टों के लंबित दावों को निपटाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की पहल...

वनाधिकार पट्टों के लंबित दावों को निपटाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की पहल...

वनाधिकार पट्टों की स्थिति और सरकार की योजना
भोपाल।।मध्यप्रदेश सरकार वनाधिकार पट्टों के लंबित दावों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए प्रयासरत है, मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने वनाधिकार पट्टों के सभी आवेदनों के निराकरण के लिए 31 दिसंबर 2025 की समय सीमा तय की है।उन्होंने कहा कि वनाधिकार के व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों की पेंडेंसी इस साल के अंत तक हर हाल में शून्य होनी चाहिए।

वनाधिकार पट्टों की स्थिति

-वनाधिकार दावों की मंजूरी:वर्ष 2008 से 2023 तक मध्य प्रदेश में कुल 2,89,461 वनाधिकार दावे मंजूर किए गए हैं।

-लंबित दावे:वर्तमान में 2,73,457 दावे लंबित स्थिति में हैं।

-ट्राइबल जिलों में वनाधिकार पट्टे:प्रदेश के 16 ट्राइबल जिलों में वनाधिकार पट्टों की संख्या 7,000 से 10,000 के बीच है।

सरकार की पहल और योजनाएं

-पेसा एक्ट के तहत मोबलाइजर्स:मध्यप्रदेश सरकार पेसा एक्ट के तहत बनाए गए मोबलाइजर्स के माध्यम से जनजातीय इलाकों में आदिवासियों से जुड़ी योजनाओं का प्रचार करेगी।

-ग्राम सभाओं को अधिकार:ग्राम सभाओं को पेसा मोबलाइजर्स को हटाने और उनसे काम लेने का अधिकार दिया जाएगा।

-दूसरे राज्यों के मॉडल का अध्ययन:सरकार दूसरे राज्यों के मॉडल का अध्ययन करेगी और महाराष्ट्र के जलयुक्त शिविर अभियान की तरह मध्य प्रदेश में समन्वय पर आधारित मॉडल अपनाएगी।

आदिवासी ब्लॉक में नवाचार और पुलिस की भूमिका

-बालाघाट में एकल सुविधा केंद्र:बालाघाट में पुलिस चौकियों में एकल सुविधा केंद्र स्थापित कर पुलिस द्वारा आदिवासियों की मदद की जा रही है।

-वनाधिकार दावों में मदद:इस नवाचार के तहत बालाघाट में 450 वनाधिकार दावे भरवाए गए हैं।

-नवाचार को सभी ट्राइबल ब्लॉक में लागू करने के निर्देश:मुख्यमंत्री ने इस नवाचार की तारीफ करते हुए सभी 88 ट्राइबल ब्लॉक में लागू करने के लिए कलेक्टरों को निर्देश देने को कहा है।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश सरकार वनाधिकार पट्टों के लंबित दावों को निपटाने और आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।सरकार की पहल और योजनाएं आदिवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेंगी।

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